शेष देव-लखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥ रवि कहं मुख महं धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥ जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥ जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शान्ति कराई॥ On Shani Jayanti, people today fast so that you can appease https://phase2directory.com/listings13054408/rumored-buzz-on-shani